Senior Citizen Saving Scheme 2025: सिर्फ 2 डॉक्युमेंट्स और 1 फॉर्म, 30 लाख तक की सुरक्षा

भारत में रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा हर परिवार के लिए सबसे जरूरी होती है। खासकर जब व्यक्ति की कमाई का मुख्य स्रोत बंद हो जाता है, तब एक ऐसा विकल्प चाहिए जो सुरक्षित, भरोसेमंद और नियमित इनकम दे सके। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) शुरू की है। यह स्कीम पोस्ट ऑफिस और कुछ अधिकृत बैंकों के जरिए उपलब्ध है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को आकर्षक ब्याज दर और टैक्स में छूट मिलती है।

SCSS 2025 में निवेश करने से न सिर्फ आपकी पूंजी सुरक्षित रहती है, बल्कि हर तीन महीने पर ब्याज के रूप में नियमित इनकम भी मिलती है। सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण इसमें जोखिम बहुत कम है और यह रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को आर्थिक रूप से आसान बनाती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पोस्ट ऑफिस SCSS 2025 क्या है, इसकी मुख्य बातें, ब्याज दर, निवेश सीमा, टैक्स नियम, लाभ, और खाता खोलने की प्रक्रिया क्या है।

Senior Citizen Saving Scheme 2025

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) एक सरकारी बचत योजना है, जिसे खासतौर पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य है रिटायरमेंट के बाद वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित और नियमित आय देना। SCSS को आप पोस्ट ऑफिस या कुछ चुनिंदा बैंकों में खोल सकते हैं। इसमें 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जिसे 3 साल और बढ़ाया जा सकता है।

यह स्कीम 8.2% प्रति वर्ष की आकर्षक ब्याज दर देती है (अप्रैल-जून 2025 तिमाही के लिए), जो हर तिमाही आपके खाते में आती है। इसमें न्यूनतम निवेश ₹1,000 और अधिकतम ₹30 लाख तक किया जा सकता है। आप अकेले या अपने जीवनसाथी के साथ संयुक्त खाता भी खोल सकते हैं। इसमें टैक्स छूट (Section 80C) भी मिलती है, हालांकि ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है।

ओवरव्यू

फीचरविवरण
स्कीम का नामसीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
उपलब्धतापोस्ट ऑफिस व चुनिंदा बैंक
पात्रता60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिक
न्यूनतम निवेश₹1,000
अधिकतम निवेश₹30,00,000 (एकल या संयुक्त)
ब्याज दर (2025)8.2% प्रति वर्ष (तिमाही भुगतान)
खाता अवधि5 साल (3 साल तक बढ़ाया जा सकता है)
टैक्स लाभSection 80C के तहत ₹1.5 लाख तक
ब्याज पर टैक्सपूरी तरह टैक्सेबल
समय से पहले निकासी1 साल बाद संभव, पेनल्टी के साथ
नामांकन सुविधाउपलब्ध
सुरक्षाभारत सरकार द्वारा समर्थित

मुख्य बातें

  • सरकारी गारंटी: SCSS पूरी तरह भारत सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे आपकी जमा राशि सुरक्षित रहती है।
  • आकर्षक ब्याज दर: वर्तमान में 8.2% प्रति वर्ष (2025 में) की दर से ब्याज मिलता है, जो सामान्य सेविंग खाते से कहीं ज्यादा है।
  • नियमित इनकम: ब्याज हर तीन महीने (तिमाही) में आपके खाते में आता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी इनकम का फ्लो बना रहता है।
  • लचीली निवेश सीमा: आप ₹1,000 से लेकर ₹30 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
  • संयुक्त खाता: आप अपने जीवनसाथी के साथ जॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं, जिसमें पहला नाम निवेशक का ही रहेगा।
  • टैक्स छूट: Section 80C के तहत ₹1.5 लाख तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है, हालांकि ब्याज टैक्सेबल है।
  • समय से पहले निकासी: जरूरत पड़ने पर आप 1 साल बाद खाता बंद कर सकते हैं, लेकिन कुछ पेनल्टी लगती है।
  • अवधि बढ़ाने की सुविधा: 5 साल के बाद आप 3 साल के लिए अवधि बढ़ा सकते हैं।

ब्याज दर

SCSS की ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा रिव्यू की जाती है। 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए ब्याज दर 8.2% रखी गई है। पिछले कुछ सालों में ब्याज दर इस प्रकार रही है:

अवधिब्याज दर (%)
1 अप्रैल 2020 – 30 सित. 20227.4
1 अक्टूबर 2022 – 31 दिस. 20227.6
1 जनवरी 2023 – 31 मार्च 20238.0
1 अप्रैल 2023 – 31 मार्च 20258.2
1 अप्रैल 2025 – 30 जून 20258.2

ब्याज हर तिमाही (31 मार्च, 30 जून, 30 सितम्बर, 31 दिसम्बर) को आपके खाते में जमा होता है। अगर आपने ब्याज नहीं निकाला, तो उस पर अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा।

निवेश की पात्रता

  • आयु सीमा: 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के भारतीय नागरिक।
  • रिटायर्ड कर्मचारी: 55-60 वर्ष के वे रिटायर्ड सरकारी/डिफेंस कर्मचारी, जिन्होंने VRS या सुपरएन्युएशन ली है, वे भी रिटायरमेंट के एक महीने के भीतर निवेश कर सकते हैं।
  • संयुक्त खाता: केवल जीवनसाथी के साथ संयुक्त खाता खुल सकता है।
  • NRI और HUF: NRI (Non-Resident Indian) और HUF (Hindu Undivided Family) इस स्कीम के लिए पात्र नहीं हैं।

निवेश की सीमा

  • न्यूनतम निवेश: ₹1,000 (और इसके मल्टीपल्स में)।
  • अधिकतम निवेश: ₹30,00,000 (एकल या संयुक्त खाते के लिए कुल।
  • अगर गलती से अधिक राशि जमा हो जाती है, तो अतिरिक्त राशि तुरंत लौटा दी जाती है और उस पर सिर्फ सेविंग अकाउंट का ब्याज मिलेगा।

ब्याज भुगतान

  • ब्याज हर तिमाही आपके खाते में जमा होता है।
  • आप चाहें तो ब्याज सीधे अपने पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट या ECS के जरिए बैंक खाते में क्रेडिट करा सकते हैं।
  • अगर ब्याज समय पर नहीं निकाला गया, तो उस पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा।

टैक्स नियम

  • Section 80C: निवेश पर ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है (पुराने टैक्स स्लैब में)।
  • ब्याज पर टैक्स: ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है, यानी आपकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
  • TDS: अगर सालाना ब्याज ₹1,00,000 से ज्यादा है, तो TDS कटेगा – PAN होने पर 10% और बिना PAN के 20%।
  • फॉर्म 15G/15H: अगर आपकी कुल इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो आप फॉर्म 15G/15H देकर TDS से बच सकते हैं।
  • बजट 2025 अपडेट: अब सीनियर सिटीजन के लिए TDS लिमिट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है (1 अप्रैल 2025 से लागू)।

समय से पहले निकासी

  • कभी भी बंद कर सकते हैं: खाता खोलने के बाद कभी भी बंद किया जा सकता है।
  • 1 साल से पहले: कोई ब्याज नहीं मिलेगा, और अगर ब्याज पहले ही मिल गया है, तो वो प्रिंसिपल से काट लिया जाएगा।
  • 1-2 साल के बीच: प्रिंसिपल का 1.5% पेनल्टी के तौर पर काटा जाएगा।
  • 2-5 साल के बीच: प्रिंसिपल का 1% पेनल्टी के तौर पर काटा जाएगा।
  • एक्सटेंडेड अकाउंट: अगर आपने खाता बढ़ाया है, तो एक्सटेंशन के 1 साल बाद बिना पेनल्टी बंद किया जा सकता है।

खाता खोलने की प्रक्रिया

  1. नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक जाएं
  2. SCSS आवेदन फॉर्म लें और भरें
  3. KYC डॉक्युमेंट्स संलग्न करें:
    • आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस।
    • 2 पासपोर्ट साइज फोटो।
    • उम्र का प्रमाण पत्र।
    • रिटायरमेंट का प्रमाणपत्र (अगर लागू हो)।
  4. निवेश राशि जमा करें:
    • ₹1 लाख तक कैश में, उससे ज्यादा चेक या डिमांड ड्राफ्ट से।
  5. फॉर्म और डॉक्युमेंट्स जमा करें
  6. खाता खुलने के बाद पासबुक मिल जाएगी

फायदे

  • पूंजी की सुरक्षा: सरकार द्वारा गारंटी।
  • अच्छा ब्याज: 8.2% प्रति वर्ष (2025 में)।
  • नियमित इनकम: तिमाही ब्याज भुगतान।
  • टैक्स छूट: Section 80C के तहत।
  • लिक्विडिटी: जरूरत पड़ने पर समय से पहले निकासी।
  • आसान प्रक्रिया: पोस्ट ऑफिस या बैंक में खाता खोलना आसान।
  • संयुक्त खाता: जीवनसाथी के साथ जॉइंट अकाउंट की सुविधा।
  • नामांकन सुविधा: नामांकित व्यक्ति को लाभ।

कुछ जरूरी बातें

  • एक व्यक्ति एक या उससे ज्यादा खाते खोल सकता है, लेकिन कुल निवेश सीमा ₹30 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती।
  • संयुक्त खाते में पूरा निवेश पहले खाता धारक के नाम पर माना जाएगा।
  • खाता धारक की मृत्यु के बाद, खाता नामांकित व्यक्ति या संयुक्त धारक (अगर पात्र है) के नाम ट्रांसफर हो सकता है।
  • अगर ब्याज समय पर नहीं निकाला गया, तो उस पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा।
  • अगर आप NRI या HUF हैं, तो आप इस स्कीम में निवेश नहीं कर सकते।

किसके लिए है सबसे बेहतर?

  • जो वरिष्ठ नागरिक (60+) हैं और रिटायरमेंट के बाद नियमित, सुरक्षित इनकम चाहते हैं।
  • जिनका टैक्स स्लैब कम है, वे Section 80C का फायदा उठा सकते हैं।
  • जो लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश चाहते हैं।
  • जिनके पास एकमुश्त रिटायरमेंट फंड है और वे उसे सुरक्षित रखना चाहते हैं।

तुलना अन्य सेविंग स्कीम से

स्कीम का नामब्याज दर (2025)अवधिटैक्स छूटनिकासी सुविधाअधिकतम निवेश
SCSS8.2%5+3 साल80C1 साल बाद₹30 लाख
PPF7.1%15 साल80Cआंशिक, 5 साल बाद₹1.5 लाख/वर्ष
FD (Senior)7-8% (बैंक पर निर्भर)1-10 साल80C (कुछ मामलों में)समय से पहले, पेनल्टीबैंक पर निर्भर

Disclaimer

पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) 2025 एक पूरी तरह से सरकारी स्कीम है और इसमें दी गई ब्याज दर, निवेश सीमा, टैक्स नियम आदि सरकारी नियमों के अनुसार समय-समय पर बदल सकते हैं। ऊपर दी गई जानकारी 14 मई 2025 तक के सरकारी अपडेट्स और नियमों पर आधारित है। निवेश करने से पहले पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक से ताजा जानकारी जरूर प्राप्त करें। किसी भी निवेश का फैसला अपनी वित्तीय स्थिति और सलाहकार से राय लेकर ही करें।

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